Kedarnath Helicopter Crash: रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड):— पवित्र केदारनाथ धाम से लौट रही श्रद्धालुओं से भरी एक हेली सेवा रविवार सुबह हादसे का शिकार हो गई। यह हादसा रुद्रप्रयाग जिले के गौरीकुंड क्षेत्र में सुबह करीब 5:30 बजे हुआ, जिसमें हेलिकॉप्टर में सवार सभी सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों में एक 23 महीने की बच्ची, दो बुजुर्ग महिलाएं, एक स्थानीय कर्मचारी और हेलिकॉप्टर के पायलट शामिल हैं।
Kedarnath Helicopter Crash:

जंगल में गिरा हेलिकॉप्टर, आग से राख हुए शव
आर्यन एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, तभी ‘गौरी माई खर्क’ के ऊपर एक घने जंगल में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। स्थानीय नेपाली महिलाओं, जो हादसे के समय पास में घास काट रही थीं, ने सबसे पहले इस भीषण दुर्घटना की सूचना दी। चश्मदीदों के मुताबिक हेलिकॉप्टर गिरते ही जोरदार धमाका हुआ, जिसके बाद उसमें आग लग गई। सभी शव बुरी तरह से जल चुके थे, जिससे पहचान प्रक्रिया भी चुनौतीपूर्ण रही।
मृतकों की पहचान: एक ही परिवार के तीन लोग भी शामिल
इस हादसे में महाराष्ट्र के जयसवाल परिवार के तीन सदस्यों समेत कुल सात लोगों की जान गई:
- राजकुमार सुरेश जयसवाल (41), महाराष्ट्र
- शारदा राजकुमार जयसवाल (35), महाराष्ट्र
- काशी (23 माह की बच्ची), महाराष्ट्र
- तुस्ती सिंह (19), बिजनौर, उत्तर प्रदेश
- विनोद देवी (66), बिजनौर, उत्तर प्रदेश
- विक्रम सिंह रावत (46), बीकेटीसी कर्मचारी, रुद्रप्रयाग
- कैप्टन राजवीर सिंह चौहान, पायलट, निवासी राजस्थान
सेना से सेवानिवृत्त पायलट की भी दर्दनाक मौत
पायलट राजवीर सिंह चौहान की कहानी ने इस हादसे को और भी मार्मिक बना दिया है। सेना में 14 वर्षों तक सेवाएं दे चुके राजवीर हाल ही में रिटायर हुए थे और उन्होंने आर्यन एविएशन में बतौर पायलट नई शुरुआत की थी। कुछ ही महीने पहले उनकी पत्नी दीपिका ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था। राजवीर की असमय मृत्यु से उनका परिवार और पैतृक गांव (दौसा, राजस्थान) गहरे शोक में है।
बचाव कार्य और प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया गया। खराब मौसम को हादसे का प्राथमिक कारण माना जा रहा है। हालांकि, अंतिम रिपोर्ट आने तक जांच जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, SOP में सख्ती के निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर गहरा दुख जताते हुए तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वर्चुअल आपात बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि हेली सेवाओं के संचालन के लिए कड़ा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया जाए जिसमें उड़ान से पहले मौसम की सटीक जानकारी और हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की गहन जांच अनिवार्य हो।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को एक तकनीकी समिति गठित करने के निर्देश भी दिए हैं, जो हेली सेवाओं की पारदर्शिता, सुरक्षा और संचालन मानकों की विस्तृत समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
AAIB करेगा हादसे की जांच
इस भीषण दुर्घटना की जांच की जिम्मेदारी अब एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को सौंपी गई है। साथ ही DGCA ने चारधाम रूट पर हेली सेवाओं की निगरानी और समीक्षा तेज कर दी है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे, फिर भी नहीं बदली व्यवस्था
यह कोई पहला हादसा नहीं है। हाल के महीनों में उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं की कड़ी देखी गई है:
- 7 जून 2025 को बड़ासू हेलिपैड से टेकऑफ के वक्त एक हेलिकॉप्टर में तकनीकी खराबी आई थी, जिसे पायलट ने हाईवे पर आपात लैंडिंग कर बचाया था।
- 8 मई 2025 को उत्तरकाशी में एक हेलिकॉप्टर क्रैश में छह यात्रियों और पायलट की मौत हो गई थी।
घाटी में हेलिकॉप्टर सेवाएं अस्थायी रूप से बंद
यूसीएडीए की सीईओ सोनिका ने बताया कि वर्तमान हालात को देखते हुए चारधाम रूट पर सभी हेली शटल सेवाएं फिलहाल अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं। अधिकांश हेलिकॉप्टर राहत व बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
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