Israel attacked Iran: मिडल ईस्ट में ईरान और इजराइल के बीच तनाव चरम पर है। इजराइल ने ईरान के नतांज परमाणु संयंत्र और अन्य सैन्य ठिकानों पर हमला किया, दनादन राॅकेट दागे है। हालांकि इसके बारे में ईरान को 2-3 दिन पहले चेतावनी मिली थी। बावजूद इसके ईरान अपने हवाई रक्षा प्रणाली के बावजूद इस हमले को रोकने में नाकाम रहा। ईरान ने अपनी हवाई रक्षा को मजबूत करने के लिए कई उन्नत प्रणालियां विकसित की हैं, जो दुश्मन के हवाई हमलों से बचाव के लिए विशेष रुप से बनाई गई हैं।
एस-300 प्रणालीः यह रूस से खरीदा गया एक लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली है, जो 150 किलोमीटर तक के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है। यह हाई-एल्टीट्यूड (ऊंचाई पर उड़ने वाले) विमानों, मिसाइलों और ड्रोन को रोकने में सक्षम है। ईरान के पास लगभग 4-6 एस-300 बैटरी हैं, जो प्रमुख शहरों और सैन्य ठिकानों की रक्षा करती हैं।
‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ पीएम नेतन्यहू का दावा
बताया जा रहा है कि इजरायल ने ईरान के खिलाफ एक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया है, जिसे ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ नाम दिया गया है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने दावा किया कि इजराइल ने इस्लामिक शासन के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम पर हमला किया है। इसके बाद तेहरान में एयरस्पेस को बंद कर दिया गया। ईरान सरकार ने देशभर में इमरजेंसी लागू कर दी है। ऐसा माना जा रहा है कि इजरायल के हमले में ईरान को बड़ा नुकसान हुआ है। इस बीच, ईरान और इजराइल में भारतीय दूतावासों ने देश में अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें उन्हें गैरजरूरी यात्रा करने से बचने के लिए कहा गया है।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरानी सरकारी टेलीविजन ने कहा कि इजरायली हमले के बाद ईरान के पैरामिलिट्री रिवोल्यूशनरी गार्ड के चीफ के मारे जाने की आशंका है। ईरानी आर्म्ड फोर्स के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल अबोलफजल शेखरची ने दावा किया कि इजरायल ने अमेरिकी समर्थन से हमले किए हैं। उन्होंने सरकारी टीवी से कहा, ‘इजरायल और अमेरिका को इस हमले की बहुत भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा।‘
अमेरिका ने जारी किया बयान
अमेरिका के विदेश सचिव ने एक बयान जारी कर कहा, ‘आज रात इजरायल ने ईरान के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की। हम ईरान के खिलाफ हमलों में शामिल नहीं हैं और हमारी पहली प्राथमिकता क्षेत्र में अमेरिकी सेना की रक्षा करना है। इजरायल ने हमें सलाह दी कि उनका मानना है कि यह कार्रवाई उसकी आत्मरक्षा के लिए जरूरी थी। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रशासन ने हमारी सेनाओं की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और हमारे क्षेत्रीय भागीदारों के साथ निकट संपर्क में बने हुए हैं। मैं स्पष्ट कर दूं ईरान को अमेरिकी हितों या कर्मियों को निशाना नहीं बनाना चाहिए।’