News: कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने कहा , संविधान विरोधी , उनकी “खतरनाक मंशा” पढ़िए पूरी ख़बर

News: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने 26 जून 2025 को संविधान की प्रस्तावना से ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की एक बार फिर से मांग की, जिसको लेकर पूरे भारत में तीखी बहस छिड़ गई है। होसबाले ने यह तर्क दिया कि ये शब्द 1975 में आपातकाल के दौरान 42वें संशोधन द्वारा “जबरन” जोड़े गए थे और ये शब्द भारतीय लोकतंत्र के मूल स्वरूप को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करते। उन्होंने कांग्रेस से आपातकाल के लिए माफी मांगने की भी मांग की है ।

इस बयान पर विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP), ने तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे संविधान विरोधी और RSS-BJP की “खतरनाक मंशा” का प्रमाण बताया।

यह मुद्दा संवेदनशील है, क्योंकि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द भारतीय संविधान के मूलभूत मूल्यों—समानता, न्याय और धार्मिक तटस्थता—को रेखांकित करते हैं।

यह बहस संविधान की मूल भावना और इसके ऐतिहासिक संशोधनों पर गहरे विचार-विमर्श को जन्म दे रही है ।

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