ghaziabad news मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल की अध्यक्षता में विकास भवन के दुर्गावती देवी सभागार जनपद स्तरीय बाल श्रम उन्मूलन समिति एवं जिला टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बाल श्रम पर अंकुश लगाने और पुनर्वास में जुटे सभी विभागों की साझा भूमिका की रूपरेखा तय की गई।
उप श्रमायुक्त अनुराग मिश्र ने विवरण प्रस्तुत किया कि पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 285 किशोर श्रमिकों का चिन्हांकन हुआ, जिनमें से 67 खतरनाक श्रेणी और 256 गैर-खतरनाक श्रेणी के बाल श्रमिक हैं, जिनकी पहचान विविध निरीक्षणों एवं एनजीओ एवं एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की सहायता से हुई।खतरनाक श्रेणी के बच्चों को आयु परीक्षण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष भेजा गया, तथा बाल कल्याण समिति के समक्ष परिवार को सौंपा गया।
प्रचार-प्रसार में औद्योगिक क्षेत्रों जैसे श्रीराम पिस्टन (मेरठ रोड), बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र और आईआईए के सहयोग से गोष्ठियाँ और प्रचार वाहन के माध्यम से अभियान तेज किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि श्रम विभाग की भेजी गई सूची के आधार पर चिन्हित बच्चों का प्राथमिकता से विद्यालय में प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए श्रम विभाग के साथ सहयोग गठित करने को कहा गया।
अभिनव गोपाल ने समाज कल्याण, उद्योग एवं महिला एवं बाल विकास विभागों को निर्देशित किया कि चिन्हित श्रमिकों के परिवारों को अपनी-अपनी योजनाओं से आवरण प्रदान करें।
श्रम विभाग समय-समय पर प्रगति की जानकारी संबंधित विभागों से लेते हुए काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करेगा। बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र के प्रतिनिधि सुशील अरोड़ा ने आश्वासन दिया कि उनके क्षेत्र के बाल श्रमिकों के लिए श्रम विभाग की सूची के आधार पर शिक्षा सामग्री जैसे किताब, कॉपी आदि उपलब्ध कराए जाएंगे।
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